अध्यक्ष के अधिकार एवं कर्त्तव्य
Adhyaksh / President, Rights and Duties of President trustee, president trustee
न्यास का अध्यक्ष : कर्त्तव्य, अधिकार एवं उत्तराधिकार
न्यास सामान्यतः किसी एक व्यक्ति द्वारा बनायीं जाती है | यह व्यक्ति ही न्यास में प्राम्भिक दान / पूंजी लगता है | यह व्यक्ति न्यास का लेखक कहलाता है | कई बार न्यास में एक से अधिक लेखक भी होते हैं | जो कि पति – पत्नी हो सकते हैं | या फिर अन्य मित्र हो सकते हैं जो की सामान उद्देश्यों की चैरिटी के लिए सहमत हों , इत्यादि |
क्योंकि न्यास के लेखक का ही धन लग रहा है इसलिए लेखक की इच्छा होती है कि न्यास के सभी अधिकार उन्हीं के पास सुरक्षित रहें | और यदि कोई ट्रस्टी उनके अनुसार कार्य नहीं कर रहा तो उसे आसानी से हटाया जा सके | इस बात को ध्यान में रख कर निम्न प्रकार से अध्यक्ष के अधिकार कुछ लोग रखते हैं
- श्री ABC g जिन्होंने न्यास में प्रारंभिक दान दिया है वे इस न्यास के ट्रस्टी भी होंगे तथा अन्य ट्रस्टियों के साथ मिलकर न्यास के उद्देश्यों के अनुसार चैरिटेबल कार्य करेंगे | वे इस न्यास के लेखक, प्रथम ट्रस्टी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कहलाएंगे | वे इस न्यास के आजीवन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रहेंगे | उन्हें उनकी इच्छा के विपरीत अध्यक्ष पद से हटाया नहीं जा सकेगा | और न ही अध्यक्ष के चुनाव की परम्परा रहेगी |
- उत्तराधिकार : – उनकी मृत्यु के पश्चात् उनकी वसीहत के अनुसार उनका उत्तराधिकारी इस न्यास का अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक रहेगा | वसीयत के अभाव में उनके उत्तराधिकारी आपस में चुनाव कर न्यास के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे | shri ABCg अपने जीवन काल में भी किसी भी अन्य व्यक्ति को न्यास का अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक नियुक्त कर सभी अधिकार उन व्यक्ति को दे सकते हैं | उपरोक्त किसी भी प्रकार से बनाये गए अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक को न्यास के वर्तमान लेखक / प्रथम ट्रस्टी / अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक के सभी अधिकार प्राप्त होंगे |
- अधिकार : –
- न्यास के अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक श्री ABC g न्यास से किसी भी ट्रस्टी को भले ही वे स्थायी हों या अस्थायी उन्हें कभी भी पूर्व नोटिस देकर या बिना नोटिस दिए हटा सकते हैं | ऐसा सामान्यतः उन ट्रस्टी के ट्रस्ट के उद्देश्यों के अनुसार कार्य नहीं करने पर किया जावेगा व अन्य ट्रस्टियों की सलाह से ही किया जावेगा |
- न्यास में किसी भी प्रकार का विवाद होने पर अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक श्री ABC g का निर्णय अंतिम निर्णय होगा |
- कर्त्तव्य : –
- न्यास के अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक श्री ABCg न्यास के ट्रस्टियों को न्यास से सम्बंधित कार्यों के लिए आवश्यक मार्ग दर्शन व दिशा निर्देश देंगे |
- वे न्यास की सभी सभाओ / मीटिंगों की अध्यक्षता करेंगे व कभी व्यस्त इत्यादि होने पर कार्यकारिणी के किसी अन्य सदस्य को इसके लिए मनोनीत कर सकेंगे | अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अथवा उनके द्वारा मनोनीत किये गए व्यक्ति की अनुपस्थिति में न्यास की कोई भी मीटिंग की गयी हो वह अमान्य होगी | सामान्यतः उपाध्यक्ष को अध्यक्ष की अनुपस्थिति में मीटिंग करने के लिए मनोनीत किया जावेगा | अध्यक्ष की अनुपस्थिति में की गयी मीटिंग में पारित प्रस्ताव को अध्यक्ष जी द्वारा शीघ्र अति शीघ्र स्वीकृत (Approved) करवाया जावेगा | अध्यक्ष के हस्ताक्षर / अध्यक्ष के अनुमोदन (स्वीकृत, approval ) के अभाव में पारित किया गया प्रस्ताव अमान्य होगा |
- कार्यकारिणी / ट्रस्टियों की सभा (Meeting) की अध्यक्षता की जिम्मेदारी अध्यक्ष जी की होगी
- मताधिकार के प्रयोग में पक्ष-विपक्ष के मतो की संख्या समान हो तो अपना विशेष मत देना।
- न्यास की सम्पत्ति पर अधिकृत रह कर उसकी देखरेख करना न्यास के उद्धेश्यो की पूर्ति के लिए न्यास की सम्पत्ति का उपयोग करना अथवा कराना।
- न्यास की सम्पत्ति, लेनदेन , प्राप्तियां एवं भुगतान के सम्बन्ध में आवश्यक निर्णय लेना जो न्यास के हित मे हो और तत्सम्बन्धी कागजातों पर दस्तखत करना, उनको सम्पूरित करना एवं कराना, मुख्यत्यार नियुक्त करना एवं हटाना, आवश्यक व्यक्तियों को नौकर रखना, उनको निकालना, उनका पारिश्रमिक तय करना, बैंको में खाते खोलना, चैको तथा अन्य बैंक के कागजों को अपने दस्तख (Signature) से परचिलित करना, सम्पत्ति को खरीदना एवं बैचना तथा अन्य वे सभी कार्य करना जो कि न्यास के उचित प्रबन्ध के लिए आवश्यक हो।
- सरकार द्वारा उचित अनुदान / सहायता मिलने के बाद ट्रस्ट में सूचना का अधिकार लागू करना | ट्रस्ट में लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति करना , अथवा स्वयं लोक सुचना अधिकारी की जिम्मेदारी संभालना |
- कभी भी कोई भी कानूनी विवाद होने पर ट्रस्ट की तरफ से कानूनी नोटिस इत्यादि पर हस्ताक्षर करना एवं अन्य पक्षों द्वारा जारी कानूनी नोटिस जारी होने पर उन्हें प्राप्त करना | कोर्ट में ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करना अथवा ट्रस्ट का प्रतिनिधि नियुक्त करना |
यह भी देखें:-
- न्यास डीड किस प्रकार लिखें / मुख्य विषय सूची पोस्ट
- ट्रस्ट का नाम
- ट्रस्ट का पता / प्रधान कार्यालय
- ट्रस्ट की शाखाये
- ट्रस्ट का कार्यक्षेत्र
- न्यास / ट्रस्ट के निर्माता / संस्थापक / न्यासकर्ता
- न्यास / ट्रस्ट का स्वरुप
- ट्रस्ट के लाभार्थी (Beneficiary)
- ट्रस्ट के ट्रस्टी
- ट्रस्ट के उद्देश्य – objectives
- न्यास का प्रबंध / प्रबंध कारिणी समिति / मैनेजमेंट कमिटी management committee
- ट्रस्ट का वित्तीय प्रबंधन
- न्यास की सभायें (Meetings)
- साधारण सदस्य
- न्यास के अन्य नियम
- न्यास के विधान, में संशोधन, परिवर्धन एवं परविर्तन – Amendments, additions and deletion in the trust deed
- न्यास की स्थापना – Initial works of trust
- अप्रतिहस्तांतरणीय – Irrevocable clause
- न्यास का समापन (Dissolution)
- Final adoption, declaration and signatures by trustees and settler
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