ट्रस्टियों के प्रकार
Types of trustees
ट्रस्ट के ट्रस्टी दो प्रकार के हो सकते हैं | एक स्थाई और दूसरे अस्थाई |
ट्रस्ट के ट्रस्टी दो प्रकार के हो सकते हैं | एक स्थाई और दूसरे अस्थाई |
- स्थाई ट्रस्टी का कार्यकाल आजीवन किया जाता है और अस्थाई ट्रस्टी को चुना जाता है अथवा मनोनीत किया जाता है|
- अस्थाई ट्रस्टियो का निश्चित कार्यकाल होता है जैसे की दो वर्ष अथवा पांच वर्ष इत्यादि | ट्रस्ट डीड में इस सम्बन्ध में स्पष्ट उल्लेख किया जा सकता है | और स्पष्ट नियम बनाये जा सकते हैं | कई बार ट्रस्ट का आकार बड़ा होने पर ट्रस्ट में ट्रस्टियों के मंडल के अतिरिक्त आम सभा का निर्माण किया जाता है | ऐसी स्थिति में भी कई बार आम सभा को यह अधिकार दिया जा सकता है कि आम सभा अपने में से कुछ ( दो या अधिक ) (जैसा ट्रस्ट के नियमो में उल्लेख हो ) प्रतिनिधि चुन सकती है | इन प्रतिनिधियों को ट्रस्ट के अस्थाई ट्रस्टी नियुक्त किया जाता है | एवं दो – तीन या पांच (जैसा कि ट्रस्ट का नियम हो ) वर्ष बाद आम सभा अपने प्रतिनिधी दोबारा चुनती है |
यह भी देखें:-
- न्यास डीड किस प्रकार लिखें / मुख्य विषय सूची पोस्ट
- ट्रस्ट का नाम
- ट्रस्ट का पता / प्रधान कार्यालय
- ट्रस्ट की शाखाये
- ट्रस्ट का कार्यक्षेत्र
- न्यास / ट्रस्ट के निर्माता / संस्थापक / न्यासकर्ता
- न्यास / ट्रस्ट का स्वरुप
- ट्रस्ट के लाभार्थी (Beneficiary)
- ट्रस्ट के ट्रस्टी
- ट्रस्ट के उद्देश्य – objectives
- न्यास का प्रबंध / प्रबंध कारिणी समिति / मैनेजमेंट कमिटी management committee
- ट्रस्ट का वित्तीय प्रबंधन
- न्यास की सभायें (Meetings)
- साधारण सदस्य
- न्यास के अन्य नियम
- न्यास के विधान, में संशोधन, परिवर्धन एवं परविर्तन – Amendments, additions and deletion in the trust deed
- न्यास की स्थापना – Initial works of trust
- अप्रतिहस्तांतरणीय – Irrevocable clause
- न्यास का समापन (Dissolution)
- Final adoption, declaration and signatures by trustees and settler
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